Thursday, August 30, 2018

क्यों आज तक कोई नहीं चढ़ पाया कैलाश पर्वत? अनसुलझे हैं कई रहस्य

हिंदू धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा का बेहद खास महत्व है.  कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है.इसके अलावा कैलाश पर्वत दुनिया का सबसे अद्भुत पर्वत माना जाता है. बता दें, कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए सभी श्रद्धालु दूर से ही कैलाश पर्वत के चरण छूते हैं. माना जाता है कि जो कैलाश आकर शिव के दर्शन करता है उसके लिए मोक्ष का रास्ता खुल जाता है.
कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6600 मीटर से अधिक है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से लगभग 2200 मीटर कम है.
बावजूद इसके माउंट एवरेस्ट पर अब तक 7 हजार से अधिक लोग चढ़ाई कर चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत अब भी अजेय है. यानी तमाम कोशिशों के बाद भी अभी तक कोई भी कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ सका है.बता दें, कैलाश पर्वत और कैलाश क्षेत्र पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है. इस पर रिसर्च करने वाले ह्यूरतलीज ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने को असंभव बताया है. इसके अलावा एक दूसरे पर्वतारोही कर्नल आर.सी. विल्सन ने बताया कि, ' जैसे ही मुझे लगा कि मैं एक सीधे रास्ते से कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ सकता हूं, भयानक बर्फबारी ने रास्ता रोक दिया और चढ़ाई को असंभव बना दिया.' कई पर्वतारोहियों का दावा है कि कैलाश पर्वत पर चढ़ना असंभव है. रूस के एक पर्वतारोही, सरगे सिस्टियाकोव ने बताया कि, 'जब मैं पर्वत के बिल्कुल पास पहुंच गया तो मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा. मैं उस पर्वत के बिल्कुल सामने था, जिस पर आज तक कोई नहीं चढ़ सका. अचानक मुझे बहुत कमजोरी महसूस होने लगी और मन में ये ख्याल आने लगा कि मुझे यहां और नहीं रुकना चाहिए. उसके बाद जैसे-जैसे हम नीचे आते गए, मन हल्का होता 
 
गया.'बता दें, कैलाश पर्वत पर चढ़ने की आखिरी कोशिश लगभग 17 साल पहले साल 2001 में की गई थी. जब चीन ने स्पेन की एक टीम को कैलाश पर्वत पर चढ़ने की अनुमति दी थी. लेकिन दुनियाभर के लोगों को मानना है कि कैलाश पर्वत एक पवित्र स्थान है. इसलिए इस पर किसी को भी चढ़ाई नहीं करने देना चाहिए, जिसके बाद से कैलाश पर्वत की चढ़ाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई. बता दें, कैलाश पर्वत का महत्व इसकी ऊंचाई की वजह से नहीं, बल्कि इसके विशेष आकार की वजह से है. माना जाता है कि कैलाश पर्वत आकार चौमुखी दिशा बताने वाले कम्पास की तरह है. कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र माना जाता है. दरअसल, रूस के वैज्ञानिकों की स्टडी के मुताबिक, कैलाश मानव निर्मित पिरामिड हो सकता है, जिसका निर्माण किसी दैवीय शक्ति वाले व्यक्ति ने किया होगा. इसके अलावा एक दूसरी स्टडी के मुताबिक,  कैलाश पर्वत ही वह एक्सिस मुंडी है, जिसे कॉस्मिक एक्सिस, वर्ल्ड एक्सिस या वर्ल्ड पिलर कहा जाता है. बता दें
 
एक्सिस मुंडी लैटिन का शब्द है, जिसका मतलब ब्रह्मांड का केंद्र होता है.  इसके अलावा अलग-अलग धर्म में अलग-अलग जगहों को धरती का केंद्र भी माना जाता है. कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र मानने की कई वजह है. माना जाता है कि कैलाश पर्वत में पृथ्वी का भौगोलिक केंद्र है. दूसरा, यहां आसमान और धरती का मिलन होता है. तीसरा, यहां चारों दिशाओं का केंद्र बिंदु है. चौथा, ईश्वर और उनकी बनाई सृष्टि के बीच संवाद का केंद्र बिंदु होना है. 
 कहा जाता है कि कैलाश पर्वत 6 पर्वत श्रंखलाओं के बीच कमल के फूल जैसा दिखता है.
 माना जाता है कि जब कैलाश पर्वत की बर्फ पिघलती है, तो पूरे क्षेत्र में डमरू की आवाज सुनाई देती है. ये भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर साक्षात शिव मौजूद हैं. कैलाश के दक्षिण में सूर्य जैसी संरचना वाला ब्रह्म ताल है, जिसके दर्शन करने दुनियाभर से श्रद्धालु यहां आते हैं. वहीं, इससे एक किमी. की दूरी पर एक राक्षस ताल है, जहां कोई नहीं जाता है. ब्रह्म ताल का पानी मीठा है, जबकि राक्षस ताल का पानी खारा. यही वजह है कि यह जीव जंतु भी नहीं दिखाई देते. माना जाता है कि ब्रह्म ताल सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है, जबकि, राक्षस ताल नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है. हिंदू धर्म केअलावा कई दूसरे धर्मों में भी कैलाश पर्वत का खास महत्व बताया गया है. माना जाता है कि कैलाश पर्वत एक तरफ स्फटिक, दूसरी तरफ माणिक, तीसरी तरफ सोना और चौथी तरफ नीलम से बना हुआ है.

记者来鸿:苏联入侵捷克 50年不灭的痛苦记忆

照片中的这位年轻女子,双手放在脑后,似乎是刚被逮捕。她皱着眉头,黑着眼圈,显得非常疲惫。
“不好意思,我只找到这张,”伊凡娜·多莱热洛娃()一边说,一边把这张大幅黑白照片放在咖啡桌上。
伊凡娜既是翻译,又是学者和记者。这张照片摄于1968年,当时她只有19岁。那年,苏联军队的坦克开进了捷克斯洛伐克。
我觉得这张照片与当时的情况很契合,就问她这张照片是什么时候拍的。
“哦,这张照片跟苏军入侵没有任何关系,”她说。“我原来确实有几张1968年8月拍的照片,但被人借走了,再也没还给我。”
我们所在的地点是捷克首都布拉格的雍克曼广场。该广场是以19以世纪著名语言学家约瑟夫· 雍克曼命名的,他被普遍视为现代捷克语的奠基人之一。伊凡娜对此地有许多生动的记忆。
"在最初的3天里,我和我的中学同学们,还有我们的老师们,走近那些坦克,和坐在上面的士兵交谈,"她说。
“我们当时觉得,肯定发生了某种误会,因此我们想向他们解释。这当然非常幼稚,但可以理解。我当时只有19岁,而且完全处在震惊状态。”0年前,苏联派遣了由5个华沙条约组织成员国组成的25万人的侵略军,从北、东、南三个方面入侵捷克斯洛伐克。
苏联决定武装干涉,是为了制止所谓的“布拉格之春”。当时,在捷克斯洛伐克共产党领导人杜布切克的领导下,该国开展了一场政治民主化运动。
伊凡娜说:“我们当时就在这个广场上,我们告诉他们,‘回去吧,这里没有反革命,我们是和平的,没有人想做坏事。’”
这个场景曾出现在1988年改编自米兰·昆德拉名著《生命不能承受之轻》的电影中。
“开始那几天,他们确实在听我们讲话,而且显得有些疑惑,因为我们赤手空拳,没有武器,”她说。
但有一天,一名苏联士兵将民众手中的照相机误看作枪支,因此对空鸣枪。民众与苏联士兵的交谈就此突然结束了。

历史学家说,在苏军入侵后的4个月中,有108名捷克斯洛伐克平民丧生,其中很多是被苏联坦克和卡车轧死的。
至1969年当局封锁边境之前,大约有10万捷克斯洛伐克民众逃离祖国。其后,有更多民众陆续离开,直到1989年东欧共产党政权全面倒台为止。
留下的人面临着一个两难的抉择:要么不再反对苏军占领,接受社会"正常化";要么失去工作,失去前途,甚至失去送子女上大学的机会。
这种政治高压毁掉了许多人的一生。一些人选择过一种自我流放的生活,通过体育、徒步旅行、乡间度假来逃避共产党统治的压迫。
杜布切克被苏军戴着手铐挟持到莫斯科。他回国时已经精神崩溃。他曾短暂出任捷克斯洛伐克驻土耳其大使,但很快被解职。之后,他被安排在斯洛伐克的一个伐木场工作。
该片由五名导演拍摄,他们分别来自参与入侵的5个华约成员国。
“这是我们第一次从占领者的角度来回顾这个事件,”雷蒙达说。
“令我非常惊讶的是,一名参与占领的俄罗斯士兵(现在已经是将军)告诉我,他仍然相信这是历史上最成功的一次军事行动,”他告诉BBC。
“他还相信,他来这里是因为发生了反革命事件,我们在地下室藏满了武器,美军的一个师已经渗透并进入捷克斯洛伐克,被俄军的一个师击退。他们相信,他们那时候阻止了第三次世界大战的爆发。”
他接着说:“这是现在俄罗斯军队的将军的看法。50年过去了,他们居然还按照过去苏联的思维方式来思考问题。”
现任捷克共产党副主席约瑟夫·斯卡拉(说,苏军入侵事件必须放在更广阔的地缘政治框架下解读。
“当时的世界由两极组成,两个超级大国都在利用军事力量来促进各自的利益,”他告诉BBC。
斯卡拉还拿美军在越南战争中的作为来比较。“苏军入侵时,没有凝固汽油弹,没有橙剂,捷克妇女也没有被迫成为苏军的妓女。”
“当然,采用这种方式解决危机,没有人会感到高兴。但这就是此事件的地缘政治背景,”他说。
在俄罗斯,为侵略辩护的说辞更加明目张胆。最近播出的一部俄罗斯电视纪录片将杜布切克的改革描绘成一次法西斯政变,并声称当时北约正准备入侵。
对伊凡娜·多莱热洛娃来说,比起俄罗斯的谎言,捷克国内的历史健忘症更加令人担忧。最近一次民调显示,多达一半的捷克年轻人根本不知道1968年发生了什么事。
她也对目前捷克国内因难民危机而向右转的政治现状担忧,认为这与上世纪70年代的共产党统治时期有相似之处。
“当然两者形式不同,但现在的情况也可能会导致威权政体的出现。我为我的同胞们感到忧心的是,许多人对这种前景并不在意,”她对我说。
“许多人,尤其是农村地区的人,会告诉你,如果普京在这里掌权,至少社会秩序有保障,”伊凡娜说。